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मनुहार

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सावन की प्रथम फुहार गिरते ही मायके का साजो सामान सजाकर मनुहार करके ससुराल में रखती थी बेटियां। सावन प्रारंभ होने से पहले ही आए जनक का बुलावा व्याकुल होकर प्रतीक्षा करती थी वह बेटियां। आएगा राखी ...

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लेखक के बारे में
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Brahmwati Sharma

मै ब्रहम वती शर्मा सेवा निवृत्त सहायक अ पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाथरस उत्तर प्रदेश, मेरे स्वर्गीय पिताजी श्री भी शिक्षा विभाग में थे उनहोंने मुझे उस समय शिक्षित किया जब बहुत ही कम बालिकाये शिक्षित हुआ करतीं थीं, इसलिए मैं उनका शत शत बार और माँ का भी नमन करना चाहूंगी। समाज मे फैली विषमताओं, प्रकृति मे उतपन्न विक्षोभ को जब देखती हूँ, अन्तर आत्मा आन्दोलित हो उठती है। और लेखनी अविरल अपने गंतव्य की ओर चल देती है।

समीक्षा
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  • author
    anshu saxena
    09 अगस्त 2025
    सच कहा बेटी के लिए मायका सब कुछ होता है इसीलिए सावन का इंतज़ार होता है... उधर माता पिता को बेटी का... ऐसा हर परिवार मे होता है! माता पिता के बाद यदि भाई भतीजो का स्नेह हो तो सदा मायका आबाद रहता है! खूबसूरत भाव दीदी 😊
  • author
    Madhu Sethi
    09 अगस्त 2025
    खूबसूरत भावपूर्ण अहसासों को को व्यक्त करती बढिय़ा पंक्तियाँ अति सुन्दर बढिय़ा काव्य सृजन आपका
  • author
    Siddhi Ratley
    09 अगस्त 2025
    हर बहन की यही कहानी है मां से मायका पति से ससुराल की रानी है🙏🏻♥️♥️♥️💖💖💖
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    anshu saxena
    09 अगस्त 2025
    सच कहा बेटी के लिए मायका सब कुछ होता है इसीलिए सावन का इंतज़ार होता है... उधर माता पिता को बेटी का... ऐसा हर परिवार मे होता है! माता पिता के बाद यदि भाई भतीजो का स्नेह हो तो सदा मायका आबाद रहता है! खूबसूरत भाव दीदी 😊
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    Madhu Sethi
    09 अगस्त 2025
    खूबसूरत भावपूर्ण अहसासों को को व्यक्त करती बढिय़ा पंक्तियाँ अति सुन्दर बढिय़ा काव्य सृजन आपका
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    Siddhi Ratley
    09 अगस्त 2025
    हर बहन की यही कहानी है मां से मायका पति से ससुराल की रानी है🙏🏻♥️♥️♥️💖💖💖