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हिन्दी

मंत्र

4.4
14747

पंडित लीलाधर चौबे की जबान में जादू था। जिस वक्त वह मंच पर खड़े हो कर अपनी वाणी की सुधावृष्टि करने लगते थे; श्रोताओं की आत्माएँ तृप्त हो जाती थीं, लोगों पर अनुराग का नशा छा जाता था। चौबेजी के ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    05 ஜூன் 2020
    यह मुन्सी प्रेमचंद की मंत्र कहानी है ही नहीं । क्यों कि उनकी मंत्र कहानी हमने कई बार पढ़ी है । उस कहानी में डॉ० चढ्ढा के बेटे को उसी का पालतू साप काट लेता है । जब डॉक्टर चढ्ढा का कोई वश नही चलता तो वह निराश हो जाते हैं । क्यों की उनका वही इकलौता बेटा है । जब यह खबर भगत को मिलती है ,तो पहले तो वह खुश होता है क्यों कि एक बार वह अपने बेटे को डॉक्टर चढ्ढा के पास दवा दिलवाने ले जाता है । उस वक्त डॉक्टर चढ्ढा गोल्फ खेलने जा रहे होते हैं । वह उस बच्चे को ऑख उठाकर भी नहीं देखते और भगत से बच्चे को कल दिखाने के लिए कहकर गोलेफ खेलने चले जाते हैं । उसी रात उस बच्चे की मृत्यु हो जाती है और तभी से वह डॉक्टर चढ्ढा से नाराज रहता है परन्तु वह साप के विष उतारने का एक ऐसा मंत्र जानता है ,जिसके प्रभाव से सर्पदंश से पीडित व्यक्ति पुनः जी उठता है । भगत अपने बच्चे की दुख भूलकर मंत्र द्वारा उपचार करता है और डॉक्टर चढ्ढा का बेटा बच जाता है
  • author
    शुभम कुमार "शुभ"
    13 செப்டம்பர் 2018
    प्रेमचन्द जी की मन्त्र ये नही है ये कोई गलत कहानी है
  • author
    Jaideep Shukla
    24 அக்டோபர் 2018
    This is something else..not written by Munshiji. I have read the original one.
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    05 ஜூன் 2020
    यह मुन्सी प्रेमचंद की मंत्र कहानी है ही नहीं । क्यों कि उनकी मंत्र कहानी हमने कई बार पढ़ी है । उस कहानी में डॉ० चढ्ढा के बेटे को उसी का पालतू साप काट लेता है । जब डॉक्टर चढ्ढा का कोई वश नही चलता तो वह निराश हो जाते हैं । क्यों की उनका वही इकलौता बेटा है । जब यह खबर भगत को मिलती है ,तो पहले तो वह खुश होता है क्यों कि एक बार वह अपने बेटे को डॉक्टर चढ्ढा के पास दवा दिलवाने ले जाता है । उस वक्त डॉक्टर चढ्ढा गोल्फ खेलने जा रहे होते हैं । वह उस बच्चे को ऑख उठाकर भी नहीं देखते और भगत से बच्चे को कल दिखाने के लिए कहकर गोलेफ खेलने चले जाते हैं । उसी रात उस बच्चे की मृत्यु हो जाती है और तभी से वह डॉक्टर चढ्ढा से नाराज रहता है परन्तु वह साप के विष उतारने का एक ऐसा मंत्र जानता है ,जिसके प्रभाव से सर्पदंश से पीडित व्यक्ति पुनः जी उठता है । भगत अपने बच्चे की दुख भूलकर मंत्र द्वारा उपचार करता है और डॉक्टर चढ्ढा का बेटा बच जाता है
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    शुभम कुमार "शुभ"
    13 செப்டம்பர் 2018
    प्रेमचन्द जी की मन्त्र ये नही है ये कोई गलत कहानी है
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    Jaideep Shukla
    24 அக்டோபர் 2018
    This is something else..not written by Munshiji. I have read the original one.