प्रस्तुत है उनकी पाँच लघु कहानियाँ - बेख़बरी का फ़ायदा लबलबी दबी – पिस्तौल से झुँझलाकर गोली बाहर निकली. खिड़की में से बाहर झाँकनेवाला आदमी उसी जगह दोहरा हो गया. लबलबी थोड़ी देर बाद फ़िर दबी – दूसरी ...
सआदत हसन मंटो ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।
सारांश
<p><strong>सआदत हसन मंटो</strong> ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।</p>
जो चित्र कलम खींच सकती है वह कैमरा नही।
ये ऐसी कहानियां है जिनकी शार्ट मूवी नही की जा सकती,
घाटे के सौदा में मजहब किसी का नही बताया फिर भी कहानी मुकम्मल है।
क्या कोई डायरेक्टर दिखा पायेगा इसे, जिसे मंटो साहब ने मामूली शब्दों में बयाँ कर दिया।
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