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मानसून

4.8
355

आज पूर्वा बयार क्या बहने लगी स्वप्न मानसून का साकार होने लगा .। था प्रकृति को वर्षों से इसका इंतजार न जाने बहेगी कब पूर्वा बयार आज पेड़ पौध बयार संग झूमने लगा पात हरियाली के रंग में रंगने लगा। ...

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लेखक के बारे में
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Indira Kumari

मैं इंदिरा एक गृहिणी हूँ । मेरी शैक्षणिक योग्यता M.Sc (Chem)और B.ed है। मुझे प्रकृति व संवेदनशील घटना पर कविता लिखना अच्छा लगता है। इसके अलावा हास्य, व्यंग्य, जोगीरा (होली)पर भी लिखती हूँ ।और आपसे पढ़ने की अपेक्षा रखती हूँ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sunil Shukla
    31 जुलाई 2019
    बहुत शानदार कविता लाजवाब शब्द प्रयोग। अति सुन्दर🍂🌴🍁🌳🌺
  • author
    Indira Kumari
    29 जुलाई 2018
    बहुत अच्छी कविता लगी.
  • author
    Premkant Jha
    29 जुलाई 2018
    Excellent imagination with appropriate words and marvelous feeling.with Respect, CA Prem Kant Jha
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sunil Shukla
    31 जुलाई 2019
    बहुत शानदार कविता लाजवाब शब्द प्रयोग। अति सुन्दर🍂🌴🍁🌳🌺
  • author
    Indira Kumari
    29 जुलाई 2018
    बहुत अच्छी कविता लगी.
  • author
    Premkant Jha
    29 जुलाई 2018
    Excellent imagination with appropriate words and marvelous feeling.with Respect, CA Prem Kant Jha