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मनोरमा

4.7
2210

आज सविता बहुत खुश थी , हो भी क्यों ना उसकी बेटी की शादी जो तय हो गयी थी. अब उसकी व्यस्तता और बढ़ गयी थी . बेटी के लिए शादी का जोड़ा ,जेवर नए कपडे वगैरह की शॉपिंग जो करनी थी .दोनों माँ बेटी सुबह ही ...

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लेखक के बारे में
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Probal Ranjan Bhattacharya

यह मेरी पहली कहानी है. कृपया करके अपने सुझाव और कमेन्ट्स अवश्य देंं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dushyant Kumar
    06 ജൂലൈ 2020
    superb heart touching story. people must help other.
  • author
    Reena Bansal
    15 ജൂലൈ 2020
    nice post 👌👌
  • author
    30 ജൂണ്‍ 2018
    अप्रतिम 👌👌👌 आपकी सोच मुझे बहुत अच्छी लगी मुझे आपकी अगली रचना का इंतजार रहेगा।👍👍👍
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    Dushyant Kumar
    06 ജൂലൈ 2020
    superb heart touching story. people must help other.
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    Reena Bansal
    15 ജൂലൈ 2020
    nice post 👌👌
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    30 ജൂണ്‍ 2018
    अप्रतिम 👌👌👌 आपकी सोच मुझे बहुत अच्छी लगी मुझे आपकी अगली रचना का इंतजार रहेगा।👍👍👍