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मन्नू......

4.6
5984

मंदिर की चौखट पर माथा टेककर, बाहर अहाते में विशाल बरगद के नीचे चबूतरे पर बैठकर मूँगफली के दाने निकालकर कबूतरों के झुंड की तरफ़ डालने लगी। भूरे,काले,चितकबरे,सफ़ेद रंगों के अनगिनत कबूतर मेरे आस-पास ...

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लेखक के बारे में

मन के कहे अनकहे भावों को शब्द देने का प्रयास करती हूँ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 सितम्बर 2018
    एक अबोध बच्चे के उन सभी मनोभाव का आपने बहुत सुंदर चित्रण किया है। एक पत्रकार होने के लिहाज, से मैंने ऐसे घटनाएं देखी हैं कि प्रलोभन दे बच्चों को किस तरह से गलत राह पर ले जाया जाता है। लेकिन, यहां आपने एक स्नेह से भरी महिला को उस मासूम का सच्चा हितैषी बना बहुत ही भावपूर्ण तरीके से दोनों के संबंधों को दर्शाया है। इसके लिये आपका आभार श्वेता जी। समाज में ऐसे संवेदनशील लोगों की जरुरत है।
  • author
    Kusum Kothari
    05 दिसम्बर 2018
    बहुत संवेदनशील कहानी। मजबूर और निर्धन लोग अपना भविष्य सुधारने के झुठे भुलावे में आकर ऐसे गिरोहों के चंगुल में फंस जाते हैं और बड़ी मुसीबत में फसकर जीवन बेकार कर लेते हैं। कहानी का ताना बाना बहुत ही सुंदरता से बुना है, लेखन शैली प्रभावशाली है, कहानी भाव और रचनात्मक दोनो दृष्टि से उत्तम है।
  • author
    Raj Kamal Kothari
    05 दिसम्बर 2018
    समाज के असहाय वर्ग की जर्जर अवस्था का अपने स्वार्थ सिद्धि के लिये फायदा उठाती लोभी मानसिकता की संवेदनशील कहानी।
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    15 सितम्बर 2018
    एक अबोध बच्चे के उन सभी मनोभाव का आपने बहुत सुंदर चित्रण किया है। एक पत्रकार होने के लिहाज, से मैंने ऐसे घटनाएं देखी हैं कि प्रलोभन दे बच्चों को किस तरह से गलत राह पर ले जाया जाता है। लेकिन, यहां आपने एक स्नेह से भरी महिला को उस मासूम का सच्चा हितैषी बना बहुत ही भावपूर्ण तरीके से दोनों के संबंधों को दर्शाया है। इसके लिये आपका आभार श्वेता जी। समाज में ऐसे संवेदनशील लोगों की जरुरत है।
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    Kusum Kothari
    05 दिसम्बर 2018
    बहुत संवेदनशील कहानी। मजबूर और निर्धन लोग अपना भविष्य सुधारने के झुठे भुलावे में आकर ऐसे गिरोहों के चंगुल में फंस जाते हैं और बड़ी मुसीबत में फसकर जीवन बेकार कर लेते हैं। कहानी का ताना बाना बहुत ही सुंदरता से बुना है, लेखन शैली प्रभावशाली है, कहानी भाव और रचनात्मक दोनो दृष्टि से उत्तम है।
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    Raj Kamal Kothari
    05 दिसम्बर 2018
    समाज के असहाय वर्ग की जर्जर अवस्था का अपने स्वार्थ सिद्धि के लिये फायदा उठाती लोभी मानसिकता की संवेदनशील कहानी।