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मंजिल मिली और अलग हुए रास्ते

4.4
866

मंजिल मिली और अलग हुए रास्ते ढलती उम्र के साथ बदल गए रास्ते तुम्हारे जानेसे बहार भी चली गई और खामोशी को बढाते गए रास्ते अब ऐतबार नही होता कसमों पर मनचला दिल ढूँढता हैं नए रास्ते ख्वाबो मे अक्सर ...

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लेखक के बारे में

संगीता श्रीपाद देशपांडे  छंद : वाचन,लेखन.निसर्गात रमणे तशी मी स्वच्छंदी,  नकळत फेसबुकच्या माध्यमातून शब्दांचा लळा लागला. मित्र-मैत्रिणीच्या प्रोत्साहानाने लेखनाला सुरुवात केली .आवडल्याचे अभिप्राय आले उत्साह द्विगणित झाला.                 आणि …                माझा कविता तसेच कथा लिहिण्याचा प्रवास सुरु झाला.

समीक्षा
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  • author
    Deependra Singh
    04 अक्टूबर 2018
    nice
  • author
    विकास कुमार
    07 मई 2018
    सुन्दर
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    04 अक्टूबर 2018
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