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मणिकर्णिका

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मुझे तेरे संग बनारस घाट देखना है, मणिकर्णिका से लेकर काशी विश्वनाथ देखना है। तेरे पहलू में ना रह सकूं कोई गम नहीं, मगर जिन्दगी का हर रंग तेरे साथ देखना है।। उत्तर भारत से लेकर दक्कन तक, मुझे सृजन से ...

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लेखक के बारे में
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ANUPRIYA

हर मंजिल शून्य है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    सौरदीप अधिकारी
    14 मार्च 2025
    नमस्कार। आपकी रचना पढ़के बहुत अच्छा लगा। ये सत्य मे एक बहुत अच्छा लेखन है। ओर लिखते रहिए। मै भी प्रतिलिपि हिंदी में लिखता हूं। मुझे प्रतिलिपि में अनुसरण करते हुए साथ जुड़े रहने का आपसे आन्तरिक अनुरोध रहा। धन्यवाद सहित शुभकामनाएं।
  • author
    SharmaHem Sharma
    05 मई 2025
    uttam likha hai
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    सौरदीप अधिकारी
    14 मार्च 2025
    नमस्कार। आपकी रचना पढ़के बहुत अच्छा लगा। ये सत्य मे एक बहुत अच्छा लेखन है। ओर लिखते रहिए। मै भी प्रतिलिपि हिंदी में लिखता हूं। मुझे प्रतिलिपि में अनुसरण करते हुए साथ जुड़े रहने का आपसे आन्तरिक अनुरोध रहा। धन्यवाद सहित शुभकामनाएं।
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    SharmaHem Sharma
    05 मई 2025
    uttam likha hai