मंदाकिनी नदी में जैसे जो निरंतर जल बहता है, वैसे ही अकाश गंगा में तारों का झुरमुट बहता है मंदाकिनी नाम दोनों का दोनों का भी काम एक है जीवन के दोनों कारक है दोनों में जीवन बहता है कितने राज समेटे ...
मेरी एक प्रेरणा हो तुम तुम्ही को रोज लिखता हूं,
तुम्हें गाता हूं गीतों में तुम्हें लय में पिरोता हूं,
तुम्ही से शब्द है मेरे तुम्ही से राग आते हैं,
तुम्ही को रोज पढ़ कर के ख्वाबों में संजोता हूं..
Shagird-e-kalam
Ritik Tiwari
सारांश
मेरी एक प्रेरणा हो तुम तुम्ही को रोज लिखता हूं,
तुम्हें गाता हूं गीतों में तुम्हें लय में पिरोता हूं,
तुम्ही से शब्द है मेरे तुम्ही से राग आते हैं,
तुम्ही को रोज पढ़ कर के ख्वाबों में संजोता हूं..
Shagird-e-kalam
Ritik Tiwari
रिपोर्ट की समस्या
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