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मानवता परमो धर्म: !

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मानवता परमो धर्म: ! मानव अर्थात मनुष्य शब्द की उत्पत्ति ‘मनु’ से हुई है । महाराज मनु की संतानें ही मनुष्य कहलाईं । वे महाराज मनु ही थे जिन्होंने मनुष्य जाति के लिए सबसे पहले ...

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लेखक के बारे में
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R.K shrivastava

मुझे पढ़ना पसंद है । इतिहास, धर्म तथा आध्यात्म मेरा प्रिय विषय है ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Sharma
    19 मई 2020
    aaj ki स्थितियों में बहुत आवश्यकता है ऐसे लेखों की! इंसानियत प्रतिदिन दूर होती जा रही है लोगों से! घर और मकान में जो अंतर है वहीं आदमी और इंसान में है। हमेशा की तरह सार्थक सृजन 🙏🙏🙏
  • author
    sushma gupta
    20 मई 2020
    बहुत ही उत्तम विचार 💐💐💐💐💐भारतीय संस्कृति की महान धनी मानवता परमोधर्म: के श्रेष्ठ उदाहरण हैं शिबि दधीचि हरीशचंद्र 💐💐💐💐बहुत सुन्दर रचना 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💐💐💐💐💐🙏
  • author
    Krishna Shukla
    19 मई 2020
    मानव धर्म से बड़ा कोइ धर्म नहीं. मानवता से बड़ा कोई कर्म भी नहीं. आदर्श समाज इसी धर्म और कर्म के सहारे चलता है. बहुत सुन्दर व्याख्या की है. मानव और मानव धर्म की
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    Sushma Sharma
    19 मई 2020
    aaj ki स्थितियों में बहुत आवश्यकता है ऐसे लेखों की! इंसानियत प्रतिदिन दूर होती जा रही है लोगों से! घर और मकान में जो अंतर है वहीं आदमी और इंसान में है। हमेशा की तरह सार्थक सृजन 🙏🙏🙏
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    sushma gupta
    20 मई 2020
    बहुत ही उत्तम विचार 💐💐💐💐💐भारतीय संस्कृति की महान धनी मानवता परमोधर्म: के श्रेष्ठ उदाहरण हैं शिबि दधीचि हरीशचंद्र 💐💐💐💐बहुत सुन्दर रचना 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💐💐💐💐💐🙏
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    Krishna Shukla
    19 मई 2020
    मानव धर्म से बड़ा कोइ धर्म नहीं. मानवता से बड़ा कोई कर्म भी नहीं. आदर्श समाज इसी धर्म और कर्म के सहारे चलता है. बहुत सुन्दर व्याख्या की है. मानव और मानव धर्म की