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मन के तार

3.5
3309

बारिश की बूंदो ने आज मन के तार छेङे है आ जाओ साजन मेरे हम तो यहाँ अकेले है सावन के मौसम में बादल छाये घनेरे है आ जाओ साजन मेरे हम तो यहाँ अकेले है मदमस्त करती हवायें ये महकाती फिजाऐं ये धङकन बढाके ...

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लेखक के बारे में
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एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित सांझा काव्य संग्रह - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने(2014) [email protected]

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shree ::: श्री :::
    26 मई 2021
    line kafi achi hain👌
  • author
    Sumana Mahato
    28 जनवरी 2022
    बहत सुंदर
  • author
    P D "PD"
    29 मई 2020
    wow😍
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    Shree ::: श्री :::
    26 मई 2021
    line kafi achi hain👌
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    Sumana Mahato
    28 जनवरी 2022
    बहत सुंदर
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    P D "PD"
    29 मई 2020
    wow😍