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मन का दीप जला लेना

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बूढ़े हाथों से अपने मिट्टी के दीये बनाएं हैं, उनके बच्चों ने भी सुनहरे सपने सजाएं हैं, कुछ दीये मोल लेकर उनके सपने सजा देना, मन का दीप जला लेना, मन का दीप जला लेना। नन्हे-नन्हे हाथों से अपने माला ...

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लेखक के बारे में

काफ़िर एक कोरी किताब है जिसे लिखना अभी बाकी है...

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    24 अक्टूबर 2022
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका, दीपावली मंगलमय हो आपको, शुभ दीपावली।
  • author
    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    28 अगस्त 2024
    भाव पूर्ण रचना पढ कर अच्छा लगा| मेरी रचनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किजिए|
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    Dr. Sunil Kr. Mishra
    24 अक्टूबर 2022
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका, दीपावली मंगलमय हो आपको, शुभ दीपावली।
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    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    28 अगस्त 2024
    भाव पूर्ण रचना पढ कर अच्छा लगा| मेरी रचनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किजिए|