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मन-दर्पण

4.4
253

मन-दर्पण विजय निकोर की अंग्रेजी कवित का अनुवाद आध्यात्म की वेदी है मानो ये बेचैन मन, मन का ये दर्पण। मुझे मेरे हर कर्म और प्रेरणा का मूल्यांकन करने को इंगित करता वहाँ मेरी सहज पंहुच है कहता है, पास ...

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लेखक के बारे में
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बीनू भटनागर
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    24 फ़रवरी 2022
    प्रत्येक परिस्थिति में हृदय की मूल भावनाओं के वर्तमान रहने की स्वाभाविकता का सुंदर चित्रण ।
  • author
    Satendra Nath Choubey
    27 मई 2021
    अनुवाद भी किया आपने और काव्य की आत्मा की रक्षा भी की।
  • author
    Manjit Singh
    06 अप्रैल 2022
    सत्य पर आधारित सुंदर कविता
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  • author
    अरविन्द सिन्हा
    24 फ़रवरी 2022
    प्रत्येक परिस्थिति में हृदय की मूल भावनाओं के वर्तमान रहने की स्वाभाविकता का सुंदर चित्रण ।
  • author
    Satendra Nath Choubey
    27 मई 2021
    अनुवाद भी किया आपने और काव्य की आत्मा की रक्षा भी की।
  • author
    Manjit Singh
    06 अप्रैल 2022
    सत्य पर आधारित सुंदर कविता