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मन चंचल मन बावरा

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मन चंचल, मन बावरा जाने क्या ये सोच रहा जिस डगर जाना नही उसका रास्ता पूछ रहा। मुश्किल है इश्क़ की राह है खबर इसे भी फिर भी उसकी गली में जाने के बहाने ढूंढ रहा। रुक जा यही, ठहर जा मन बावरे ना जा उस गली ...

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लेखक के बारे में
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Dipinti Kataria

My life is my inspiration

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Deo narain dubey
    14 जून 2020
    बहुत सुंदर रचना।धन्यवाद जी।🙏🙏💐
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    Deo narain dubey
    14 जून 2020
    बहुत सुंदर रचना।धन्यवाद जी।🙏🙏💐