मन बावरा बावरा मन, बावरा तन। है आकुल, कुछ व्याकुल। प्रेमी से मिलन को, चली वो ले पवन को। नयनों में लिए, प्रेम के दिए। हृदय का कमल, खिलने को उत्कल। बार बार की रिस, प्रेम की टीस। करे आकुल आज, मन ...
जन्म लिया था मैथिली धरा में,
अवध में शिक्षण व ब्याह हुआ।
माया ने राजधानी में जकड़ा था
हरियाणा में कार्य निर्वाह हुआ।
कला साहित्य में स्नातक हुआ मैं,
इतिहास का परास्नातक भी बना।
लिखने का शौकीन हूं,पर साहित्य
सागर की बूंद को, चातक हूं बना।
सारांश
जन्म लिया था मैथिली धरा में,
अवध में शिक्षण व ब्याह हुआ।
माया ने राजधानी में जकड़ा था
हरियाणा में कार्य निर्वाह हुआ।
कला साहित्य में स्नातक हुआ मैं,
इतिहास का परास्नातक भी बना।
लिखने का शौकीन हूं,पर साहित्य
सागर की बूंद को, चातक हूं बना।
बहुत खूब 👌👌
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"लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें :
https://hindi.pratilipi.com/story/लाकडाउन-में-बावरा-मन-zmcuij05bq35?utm_source=android
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