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मालवी भाषा मेरी पहचान - कहानी मालवी भाषा में

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बुजी बुजी बुजी...... चालो अबे एक वार्ता (कहानी) हुडाओ। (बबली जोर से आवाज देते हुए अपनी दादी कमलावती के पास गई) अरे आज मारो मन कोनी वार्ता केवाको...... (दादी ने बबली को कहा) बुजी..... (बबली ने ...

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लेखक के बारे में
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Kuldeep Singh chouhan

कल्पना एक ऐसा शब्द है जिसमें व्यक्ति जिंदगी की हर खूबसूरत वस्तु को देखना चाहता है कल्पना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कल्पना के जरिए हम उन सपनों को देख सकते हैं जिन सपनों को हमें जिंदगी में आगे चलकर पूरा करना है हमारी कल्पना हमारी जिंदगी से परे है हम तो आज में जीते हैं परंतु हमारी कल्पना कल का सोचती है कल्पना एक खूबसूरत एहसास है इस जिंदगी का

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 दिसम्बर 2022
    वाह दादभई हुकूम, गजब,👌👌👌👌 अबे मालवी में भी कहानी हुनवा,ओ म्हारो मतलब वांचवा ने मलेगा।😁
  • author
    Neelam "बाईसा"
    04 दिसम्बर 2022
    वाह बहुत खूब..!! मेवाती और मारवाड़ी लगभग एक जैसी ही है.. बहुत खुबसूरत लेखन .🙏
  • author
    सुशीला तिवारी
    09 फ़रवरी 2023
    बढिया लेखन बेहतरीन प्रस्तुतीकरण 👌👌🌹🌹
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    04 दिसम्बर 2022
    वाह दादभई हुकूम, गजब,👌👌👌👌 अबे मालवी में भी कहानी हुनवा,ओ म्हारो मतलब वांचवा ने मलेगा।😁
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    Neelam "बाईसा"
    04 दिसम्बर 2022
    वाह बहुत खूब..!! मेवाती और मारवाड़ी लगभग एक जैसी ही है.. बहुत खुबसूरत लेखन .🙏
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    सुशीला तिवारी
    09 फ़रवरी 2023
    बढिया लेखन बेहतरीन प्रस्तुतीकरण 👌👌🌹🌹