मैंने जीना सीख लिया "माँ! उठो, माँ.. पानी पी लो ना माँ," मंझली बेटी रेखा अचेतन माँ को झकझोड़ते और सिसकते हुए यही बात दोहरा रही है। " रेखा छोड़ माँ को, तू जल्दी से भागकर गुरुजी को बुला ला ...
बच्चियों कि समझदारी से घर बर्बाद होने से बच गया। सब पैरो पर खडे़ हो गये ।घर बस गये,रेखा कि भी शादी करवा देनी चाहिए थी।कहानी सामाजिक सरोकारो से जुड़ी है। सकारात्मकता का संदेश देती है। बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं सुनीता विश्नोलिया को
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बच्चियों कि समझदारी से घर बर्बाद होने से बच गया। सब पैरो पर खडे़ हो गये ।घर बस गये,रेखा कि भी शादी करवा देनी चाहिए थी।कहानी सामाजिक सरोकारो से जुड़ी है। सकारात्मकता का संदेश देती है। बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं सुनीता विश्नोलिया को
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