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✍️मैं लिखता रहूंगा✍️

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मन की गहराई न तौलूगां,, मेरी सोच जहां तक जायेगी,,, मैं उतना ही सोच-समझकर लिखूंगा..न थकूंगा न थकने दूंगा इस चित्र-विचित्र मन को। एक सपना है कुछ खास लिखने कि मैं लिखता रहूंगा और लिखूंगा।।१। अगर ...

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लेखक के बारे में

भगवान ने प्रकृति को जैसा बनाया है, उसे देख मुस्कान...निकलती है मेरी...और इंसान को जैसा बनाया था, अब उसे देख जान निकलती है मेरी...!!🙏 🙏🏻राधे-राधे 🙏🙏🏻

समीक्षा
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    18 जनवरी 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बहुत सुंदर लिखा है ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌👌🍫🍫🍫😷🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    18 जनवरी 2022
    वाह वाह बिल्कुल सही कहा आपने सार्थक अभिव्यक्ति 👌👌👌👌 सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌👌
  • author
    18 जनवरी 2022
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। लिखना कभी छोड़ना भी नही। जय श्री कृष्णा🙏
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    18 जनवरी 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बहुत सुंदर लिखा है ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌👌🍫🍫🍫😷🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    18 जनवरी 2022
    वाह वाह बिल्कुल सही कहा आपने सार्थक अभिव्यक्ति 👌👌👌👌 सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌👌
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    18 जनवरी 2022
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। लिखना कभी छोड़ना भी नही। जय श्री कृष्णा🙏