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मैं

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मैं ... टूटा सा मैं एक तिनका ... .. कैसे जोड़ पाऊँ आशियाँ ! मैं अकेला बदमस्त ... .. मेरी कोई बसर नहीं !! जिन्दगी मेरी धुंआ धुंआ .. ..जिसकी राह क्षितिज को जाती है , पर मंजिल की मुझे खबर नहीं !! टूट ...

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लेखक के बारे में

नामवर से लेकर नए रचनाकारों की रचनाएँ पढ़ने में अभिरुचि है मेरी --- मन के भावों को कभी कभार कागज पर उकेर लिया करता हूँ - कभी कभार भानुमति की भाँती तुकबंदियों का कुनबा भी जोड़ लिया करता हूँ -- सो लिखने में इतना अच्छा भी नहीं हूँ - तो भी मुझे बहुत से अच्छे रचनाकारों के बीच प्रतिलिपि ने जुड़ने का जो सुअवसर प्रदान किया है - मैं प्रतिलिपि का ह्रदय से आभारी हूँ --- सभी माननीय एवम् प्रिय लेखकों से सादर अनुनय है मेरा अपना आशीर्वाद तथा स्नेह मुझ पर कृपया पूर्वक बनाए रखियेगा - ( विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि मैं यहाँ पढ़ने की रुचि के कारण जुड़ा हुआ हूँ )

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Amrit Niraj Singh
    11 नवम्बर 2022
    हृदय स्पर्शी शब्द 👌🏻👏🏻
  • author
    Nivedita Sharma
    20 जुलाई 2022
    👌👌
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  • author
    Amrit Niraj Singh
    11 नवम्बर 2022
    हृदय स्पर्शी शब्द 👌🏻👏🏻
  • author
    Nivedita Sharma
    20 जुलाई 2022
    👌👌