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मैं और मेरी खामोशी....

2.5
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मैं और मेरी खामौशी... बैठे एक सुनसान जहान में जहाँ विरान था पूरा आसमान और हवा की तेज रफ्तार में पत्तों ने भरी एक अवारा ऊड़ान और माटी में बिखरे मेरे सारे अरमान... क्यों हो गई मैं एक ही पल में खूद ...

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लेखक के बारे में
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Chandni Tanwar

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Veena Bhatia
    05 मार्च 2023
    good👍👍
  • author
    Chanda Rajput.. "चान्द"
    18 नवम्बर 2019
    बहुत गजब
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    Veena Bhatia
    05 मार्च 2023
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    Chanda Rajput.. "चान्द"
    18 नवम्बर 2019
    बहुत गजब