धन्य हुआ है जीवन मेरा, मैहर की माँ शारदा ने मुझे बुलाया, पाकर दर्शन मैया शारदा का अमरत्व सुख हमने पाया, देकर दर्शन भक्तों को माई दुख सारे हर लेती है, क्या मांगू मैया से मैं, माँ हमको सब खुद ही देती ...
बहुत ही सुंदर भावनाओं की तरंग से उठी हुई कविता !
गंगा की धारा की तरह,,,, पहली बारिश की फुहार की तरह बहतु हुए बहुत ही पुनीत पावन👌👌👌👌
वाह क्या खूबसूरत पंक्तियां लिखी है आपने बहुत ही बेहतरीन
बहुत ही सुन्दर रचना💐💐💐💐💐👌👌👌👌
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