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मैं सूरज हूँ

4.5
472

मैं चाँद नहीं हूँ , सूरज हूँ | अपनी अग्नि से दमकूँगा , इतनी किरणें फैलाऊँगा कण-कण को रौशन कर दूँगा | मेरी किरणों की चकाचौंध जग में ऐसे छा जाएगी, कुछ चंदा को चमकाएँगी कुछ वसुधा को नहलाएँगी | किरणें ...

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लेखक के बारे में
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कविता पन्त
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    06 मई 2020
    बहुत सुंदर और सरस रचना
  • author
    कुमार अभिनंदन
    07 मई 2019
    सुंदर..
  • author
    विकास कुमार
    19 मई 2018
    सुंदर
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    06 मई 2020
    बहुत सुंदर और सरस रचना
  • author
    कुमार अभिनंदन
    07 मई 2019
    सुंदर..
  • author
    विकास कुमार
    19 मई 2018
    सुंदर