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मैं सुपर स्टार बनने के लिए काम ही नहीं करता : मनोज तिवारी ‘मृदुल’

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संगीत की साधना, क्रिकेट का फैशन, अभिनय का शौक या अब राजनीति का रंग, इन सब चरित्रों में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले व्यक्तित्व का नाम है, मनोज तिवारी ‘मृदुल’। मनोज तिवारी ‘मृदुल’ का नाम आज अनायास ही सबके जबान पर नहीं हैं। यह उपलब्धि उन्होंने अपनी कर्मठता, संघर्ष और परिश्रम से प्राप्त किया है। आज अगर उनके लिए सबसे सफल और सबसे प्रिय गायक का विशेषण लगाया जाता है, तो यह सब ना ही केवल नियति की कृपा है, ना ही किसी गाॅड फादर की दया और ना ही ‘पेड पब्लिसिटी’ का करिश्मा। यह वास्तविकता की धरती पर प्रतिभा की ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • author
    16 जुलाई 2018
    अति सुंदर विवरण! मैं भी मनोज जी की फैन रही हूँ!फिल्में तो नही देखी कभी पर होली के गीत जरूर सुनती हु! बचपन में उनका एक गीत " बबुआ कम्पटीशन दे तारन" खूब सुनते थे! आज भी टीवी पर उनका कोई भी प्रोग्राम आजाए तो जरूर देखती हूँ!
  • author
    Satyam Panday
    14 अगस्त 2017
    7677212420 bollywood story writer
  • author
    Vimal Sharma
    26 जनवरी 2021
    sunder hai.
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    16 जुलाई 2018
    अति सुंदर विवरण! मैं भी मनोज जी की फैन रही हूँ!फिल्में तो नही देखी कभी पर होली के गीत जरूर सुनती हु! बचपन में उनका एक गीत " बबुआ कम्पटीशन दे तारन" खूब सुनते थे! आज भी टीवी पर उनका कोई भी प्रोग्राम आजाए तो जरूर देखती हूँ!
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    Satyam Panday
    14 अगस्त 2017
    7677212420 bollywood story writer
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    Vimal Sharma
    26 जनवरी 2021
    sunder hai.