मैं खुद क्या हूँ नही जानती
पर तुम ही तो कहते हो
मेरे उदास होने से
घर का मौसम भी
ग़मगीन हो जाता हैं
लो पहन ली मैंने
होंठो पर मुस्कराहट
तुम्हारे कहने पर ...
नीलिमा शर्मा
कोई ख़ुशबू उदास करती है कहानी संग्रह की लेखिका ,मुट्ठी भर अक्षर,खुसरो दरिया प्रेम का , आईना सच नही बोलता हाशिये का हक़ ,मूड्स ऑफ लॉक डाउन , लुका छिपी, मृगतृष्णा की संपादक ओर लेखक
सारांश
नीलिमा शर्मा
कोई ख़ुशबू उदास करती है कहानी संग्रह की लेखिका ,मुट्ठी भर अक्षर,खुसरो दरिया प्रेम का , आईना सच नही बोलता हाशिये का हक़ ,मूड्स ऑफ लॉक डाउन , लुका छिपी, मृगतृष्णा की संपादक ओर लेखक
रिपोर्ट की समस्या
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