pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मैं द्रौपदी

4.6
654

(1) मैं द्रौपदी , मन की व्यथा बताऊँ किसको किस्मत से मैं हारी सदा पांच पुरुषों में बंटी नारी की पीड़ा भी अनोखी है एक के संग हो हास - परिहास जब उसी क्षण दूजा मुंह सूजाता है तीसरे की आँखों का आमंत्रण ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

शिक्षा – एम्.ए. ( हिन्दी ) सम्प्रति – कंटेंट एडिटर, प्रतिलिपि कॉमिक्स प्रकाशित पुस्तकें – तिराहा,बेगम हज़रत महल (उपन्यास ) अनतर्मन के द्वीप, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियां – कहानी संग्रह कई कवितायें ,कहानियाँ एवं लेख पत्र - पत्रिकाओं और कई ब्लॉग्स पर प्रकाशित।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    23 जुलाई 2017
    नारी व्यथा और प्रतिशोध की सुंदर अभिव्यक्ति
  • author
    अमर कुमार
    15 अगस्त 2017
    अति सुन्दर रचना |
  • author
    Arjun Roy "Parth"
    16 अप्रैल 2019
    महाभारत की सबसे जटिल एबं सबसे ज्यादा त्याग करने वाली चरित्र। कोटि कोटि नमन ऐसी नारीशक्ति को।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    23 जुलाई 2017
    नारी व्यथा और प्रतिशोध की सुंदर अभिव्यक्ति
  • author
    अमर कुमार
    15 अगस्त 2017
    अति सुन्दर रचना |
  • author
    Arjun Roy "Parth"
    16 अप्रैल 2019
    महाभारत की सबसे जटिल एबं सबसे ज्यादा त्याग करने वाली चरित्र। कोटि कोटि नमन ऐसी नारीशक्ति को।