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महत्वकांक्षा।

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महत्वकांक्षा जीवन का आधार,, जो करो न तो कैसे उतरो पार।। पर ध्यान  रहे अति न हो जाए,, की पीछे जाकर, पडे पछताए।। महत्वकांक्षा की बात निराली,, जिसने की जिंदगी, उसने अपनी बदल डाली,।। अति महत्वकांक्षा ...

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लेखक के बारे में
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Sandip Sharmaz . Sharmaz

Sandeep Sharma is also available on Facebook n pratilipi सिमटते दायरे पर।blog,sanatansadvichaar.blogspot.com. email, [email protected] m. वैसे उम्र का अर्ध शतक पार किया है पर लेखक का जन्म अभी 2021 मे ही हुआ।पेशे से शिक्षक हूँ ।तो गर्व है कि राष्ट्र निर्माण मे नई पौध का रोपने की जिम्मेवारी ईश्वर ने मुझे सौंपी है।। खुश हू हर हाल मे क्योकि ईश्वर पर भरोसा है, और दुनियां की चालाकियां समझने लगा हूँ।। छोटी कहानी पढना अच्छा लगता है।जबकि बडी कहानी बोर करती है।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी। जय श्रीकृष्ण।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raj Kamra
    12 फ़रवरी 2023
    वाह बेटा जी महत्वाकांक्षा का मतलब समझाते हुए इसकी अति के परिणामस्वरूप भी मय उदाहरण के पेश किए.. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.. 👌👍😊👏
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    12 फ़रवरी 2023
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी, लाजवाब सृजन आपका, शानदार भाषा शैली एवम उत्कृष्ट सृजन आपका।
  • author
    Madhu Sethi
    12 फ़रवरी 2023
    बहुत-बहुत सुन्दर विश्लेषण और अति की खामियां और मिसाल बढिय़ा सार्थक प्रस्तुति आपकी जय श्री कृष्ण 🙏🙏
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    Raj Kamra
    12 फ़रवरी 2023
    वाह बेटा जी महत्वाकांक्षा का मतलब समझाते हुए इसकी अति के परिणामस्वरूप भी मय उदाहरण के पेश किए.. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.. 👌👍😊👏
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    Dr. Sunil Kr. Mishra
    12 फ़रवरी 2023
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी, लाजवाब सृजन आपका, शानदार भाषा शैली एवम उत्कृष्ट सृजन आपका।
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    Madhu Sethi
    12 फ़रवरी 2023
    बहुत-बहुत सुन्दर विश्लेषण और अति की खामियां और मिसाल बढिय़ा सार्थक प्रस्तुति आपकी जय श्री कृष्ण 🙏🙏