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महर्षि दधीचि

4.4
1919

महर्षि दधीचि महर्षि दध्यड आथर्वण जिन्हें पुराणों में दधीचि महर्षि कहा गया। तपोवन में आश्रम बनाकर रहते थे। वे सदा अपनी तपस्या में लीन रहते तथा सुयोग्य छात्रों को विद्या दान किया करते थे। उन्हें ...

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लेखक के बारे में
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Dinesh uniyal

दिनेश उनियाल 'अनाहत', एक संवेदनशील कवि और लेखक हैं, जिनकी रचनाएँ गहराई से मानव हृदय की भावनाओं और आध्यात्मिक अनुभूतियों को छूती हैं। उनका लेखन प्रेम, करुणा, और जीवन के सूक्ष्म पहलुओं का सजीव चित्रण करता है। दिनेश उनियाल 'अनाहत' नाम उनकी उस अंतर्नाद ध्वनि का प्रतीक है, जो कभी नहीं टूटती और हमेशा शांति और प्रेरणा का संचार करती है। उनकी कविताएँ पाठकों को आत्मा की गहराइयों में ले जाकर जीवन के रहस्यों से रूबरू कराती हैं। उनका उद्देश्य है— शब्दों के माध्यम से एक ऐसा संसार रचना जहाँ हर दिल को शांति और प्रेम का एहसास हो।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    sarita chand
    02 ஜூலை 2021
    अच्छी जानकारी के साथ सुंदर पौराणिक कथा लिखी आपने शानदार प्रस्तुति 👌👌👌👌👌👌🙏🙏
  • author
    Priyanka Aherrao
    02 ஜூலை 2021
    dadhichi Rishi ke bare me ye kahani mujhe malum nahi thi. ek achchhi kahani ke liye aapko dhanyavad.
  • author
    Birendra Sinha
    02 ஜூலை 2021
    अति उत्तम, बहुत ही सुन्दर पौराणिक कथा,
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    sarita chand
    02 ஜூலை 2021
    अच्छी जानकारी के साथ सुंदर पौराणिक कथा लिखी आपने शानदार प्रस्तुति 👌👌👌👌👌👌🙏🙏
  • author
    Priyanka Aherrao
    02 ஜூலை 2021
    dadhichi Rishi ke bare me ye kahani mujhe malum nahi thi. ek achchhi kahani ke liye aapko dhanyavad.
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    Birendra Sinha
    02 ஜூலை 2021
    अति उत्तम, बहुत ही सुन्दर पौराणिक कथा,