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महान राष्ट्रीय चरित्र

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मेरे मित्र हंसमुख लाल जी का फोन आया कि एक आवश्यक कार्यवश मुझे उनके साथ चलना है । समय दस बजे का तय हुआ । मैं ठीक दस बजे तैयार होकर बैठ गया ।  हंसमुख लाल जी ग्यारह बजे आये । मैंने कहा : आप कितने ...

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लेखक के बारे में
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श्री हरि

हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।। गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    अनन्या श्री "Ananya Shree" सुपरफैन
    12 जून 2020
    महान राष्ट्रीय चरित्र के माध्यम से आपने कितने ही लोगों की महानता में कलम चला दी सर.. बेहद शानदार 💐💐💐🙏
  • author
    11 जून 2020
    उत्तम हिस्य के साथ राष्ट्रीय चरित्र को अच्छे से निरूपित किया है।बहुत सुन्दर लेखन कला।
  • author
    Data Ram "Bhattigain"
    12 जून 2020
    आपका हास्यपुट अंदाज बड़ा निराला है। बहुत बढ़िया 👌👌
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    अनन्या श्री "Ananya Shree" सुपरफैन
    12 जून 2020
    महान राष्ट्रीय चरित्र के माध्यम से आपने कितने ही लोगों की महानता में कलम चला दी सर.. बेहद शानदार 💐💐💐🙏
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    11 जून 2020
    उत्तम हिस्य के साथ राष्ट्रीय चरित्र को अच्छे से निरूपित किया है।बहुत सुन्दर लेखन कला।
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    Data Ram "Bhattigain"
    12 जून 2020
    आपका हास्यपुट अंदाज बड़ा निराला है। बहुत बढ़िया 👌👌