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महाकवि कालिदास

4.9
202

महान कवि  कालिदास का नाम जग विश्रुत है। उन्हें संस्कृत साहित्य के प्रथम कवि का दर्जा प्राप़्त है। किंवदंती है कि कालिदास एक मूर्ख व्यक्ति   थे । उनका विवाह एक बहुत ही विद्वान राजकुमारी ...

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लेखक के बारे में
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Sneh Lata Pandey
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    03 नवम्बर 2020
    आप ने शायद कही से ये पढकर लिखा ।या आपका बिषय ज्ञान.है.।मै ये जानना चाहँती हू । रामायण की रचना बाल्मीकि जी ने की थी ।और उनके मुख से ही प्रथम श्लोक निकला था जब पक्षियो को ,बहेलिये से मरते देखा ।ब्रहमा जी के वरदान से रामायण महाकाव्य की रचना बाल्मीकि जी ने की ।शुरू मे ठीक लिखा आपने लेकिन बाद मे ये गलत लिख दिया है ।क्षमा करे मेरा बिषय संस्कृत ही है ।तो आपको अवगत कराना जरूरी लगा ।🙏🙏
  • author
    Mamta Tripathi
    08 नवम्बर 2020
    बहुत सुंदर प्रस्तुति कालिदास के जीवन पर बहुत दिनों बाद कुछ अलग सा पढ़ने को मिला बहुत अच्छा लगा बहुत प्रेरणादायक कहानी हिंदी संस्कृत का मिलाजुला वक्तव्य बहुत अच्छा लगा
  • author
    Dr Som Kulshrestha
    03 नवम्बर 2020
    बहुत सुन्दर कथानक, एक दृश्य, एक श्लोक अनायास ही और फिर महाकाव्य की रचना वाकई प्रेरणादायक ...बहुत खूब ।।
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    03 नवम्बर 2020
    आप ने शायद कही से ये पढकर लिखा ।या आपका बिषय ज्ञान.है.।मै ये जानना चाहँती हू । रामायण की रचना बाल्मीकि जी ने की थी ।और उनके मुख से ही प्रथम श्लोक निकला था जब पक्षियो को ,बहेलिये से मरते देखा ।ब्रहमा जी के वरदान से रामायण महाकाव्य की रचना बाल्मीकि जी ने की ।शुरू मे ठीक लिखा आपने लेकिन बाद मे ये गलत लिख दिया है ।क्षमा करे मेरा बिषय संस्कृत ही है ।तो आपको अवगत कराना जरूरी लगा ।🙏🙏
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    Mamta Tripathi
    08 नवम्बर 2020
    बहुत सुंदर प्रस्तुति कालिदास के जीवन पर बहुत दिनों बाद कुछ अलग सा पढ़ने को मिला बहुत अच्छा लगा बहुत प्रेरणादायक कहानी हिंदी संस्कृत का मिलाजुला वक्तव्य बहुत अच्छा लगा
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    Dr Som Kulshrestha
    03 नवम्बर 2020
    बहुत सुन्दर कथानक, एक दृश्य, एक श्लोक अनायास ही और फिर महाकाव्य की रचना वाकई प्रेरणादायक ...बहुत खूब ।।