pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मधुर अहसास

3.2
2310

याद आ रहा है मुझे बीता हरपल तुम्हारे साथ आहें भरकर तङपा रहा है महका जो आलम तुम्हारे साथ कैसे भूले ये दिल सनम उन सुनहरी यादों को तुमने लिया था धङकनो के करीब जब मेरे इन थिरकते हाथो को छुआ था तुमने मुझे जब तब थोङी सी सकुचाई मैं दिल में थी उमंगे पर तुमसे कुछ न कह पाई मैं बेखबर थी दुनिया से मैं तुम्हारे प्यार के पहरे में महफूज रही पर मेरे सनम इन बाहों के घेरे मेँ क्या कहूं तुमको साजन कैसे बितते अब पल मेरे दिन आहें भरते निकलते है रातो में सिर्फ सपने तेरे ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित सांझा काव्य संग्रह - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने(2014) [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    BHUSHAN KHARE
    24 মে 2018
    बहुत शानदार प्रस्तुति. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
  • author
    SARASWATI MISHRA
    02 অগাস্ট 2021
    बहुत सुंदर रचना
  • author
    Aditya Dubay
    19 এপ্রিল 2021
    बेसिरपैर कहानी...
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    BHUSHAN KHARE
    24 মে 2018
    बहुत शानदार प्रस्तुति. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
  • author
    SARASWATI MISHRA
    02 অগাস্ট 2021
    बहुत सुंदर रचना
  • author
    Aditya Dubay
    19 এপ্রিল 2021
    बेसिरपैर कहानी...