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मशीनी मानव

4.8
188

एक बहुत ही जीनियस साइंटिस्ट था। शहर से दूर एक खंडहरनुमा पुरानी सी इमारत में उसका ठिकाना था। लोगों से कटा कटा सा ही रहता । हमेशा अपनी किसी धुन में लगा रहता। लोग उधर जाने से भी डरते थे। उसे पागल ...

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नवीन

कच्ची क़लम, परिपक्व सोच... आपकी सलाह और आलोचना शिरोधार्य... पहली कहानी "गुंडा" प्रकाशित दैनिक दोआबा वार्ता में २००२ में धन्यवाद #प्रतिलिपि, इस मंच के लिये...🙏 Follow me for my quotes on #yourquote ⤵️ @https://www.yourquote.in/akaki follow me in instagram @nvn_akaki_quotes # दिल में बस जाऊंगा वो अफ़साना हूं मैं, मिट के भी न मिट सके वो फ़साना हूं मैं...😊

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    28 फ़रवरी 2020
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