pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मां प्रकृति

5
8

मां प्रकृति विकास की दौड़ में कहां आ गए हम! पीने को स्वच्छ जल नहीं, खाने को साफ हवा नहीं, बड़ों का आदर नहीं, लोगों में संस्कार नहीं। सोचा था विकास होगा, न सोचा था केवल भ्रम होगा। खिलवाड़ ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Rashmi Devrani

Rashmi

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अनिल कुमार "AK_KAVI"
    29 मई 2020
    अद्भुत
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अनिल कुमार "AK_KAVI"
    29 मई 2020
    अद्भुत