मानसी रात के खाने की सारी तैयारी कर सोफे पर पड़ गई, बच्चे अभी पढ़ रहे थे,और पति विनय ऑफिस वर्क कर रहे थे। लिहाजा उसके पास घंटे भर का समय था। अभी वह सोच ही रही थी ,कि इस 1 घंटे का उपयोग वह किस तरह ...
जन्म स्थान. प्रयागराज उत्तर प्रदेश 🌎
Women health and hygiene councillor
अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं साहित्यिक मंच पर रचनाओं का प्रकाशन.📒 नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से फेसबुक पर भी मुझे फॉलो करें
https://www.facebook.com/viddya.sharma.75?mibextid=ZbWKwL
For instagram -https://www.instagram.com/vidya_sharma79?igsh=MW54NWxmaXA2d2Q2bQ==
सारांश
जन्म स्थान. प्रयागराज उत्तर प्रदेश 🌎
Women health and hygiene councillor
अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं साहित्यिक मंच पर रचनाओं का प्रकाशन.📒 नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से फेसबुक पर भी मुझे फॉलो करें
https://www.facebook.com/viddya.sharma.75?mibextid=ZbWKwL
For instagram -https://www.instagram.com/vidya_sharma79?igsh=MW54NWxmaXA2d2Q2bQ==
क्या लिखूं इस रचना के बारे मे मै पूरी तरह से समझ नही पा रहा हुँ क्योंकि ऐसा कोई शब्द नही है जिससे इसकी तारीफ की जा सके ।
पर इतना जरुर कहूंगा की मुझे बहुत सुन्दर लगी यह आपकी रचना ।
और रही बात इस कहानी पर टिप्पणी की तो यही कहूंगा की औरत ही औरत की सबसे बडी दुश्मन होती है ।
एक बेटा तबतक ही बेटा रहता है जबतक उसकी शादी ना हो जाये,शादी के बाद तो वह पति बन जाता है ।
तरस आता है ऐसे लोगों पर जो अपने माता-पिता को इस तरह से ट्रिट करते है,शायद वो भुल जाते है की जो उनके बच्चे देखेंगे वही सीखेंगे ।
85% घरो मे मैने देखा है की यही हाल है ।
मै खुद अपने आप से सहमत नही हुँ क्योंकि जो लिखना चाहिये मुझे वो लिखा नही हुँ मैं ।
शब्द से बहुत बडे घाव हो जाते है,बस इतना ही सबसे गुजारिश करूंगा की माता-पिता से बढकर कोई नही इस दुनिया मे ।
उनकी सदैव इज्जत करें,क्योंकि इनके सिवा कोई नही दुसरा जो बिना मतलब के प्यार करे आपसे ।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बड़ी ही मार्मिक कथा है जिसमें वर्तमान परिदृश्य को परिभाषित किया है सच में बड़ा ही कठिन प्रश्न उठाया है आपने की कोन जिम्मेदार है माँ की मृत्यु का
आज भारत में ये एक समस्या के साथ ही चिंतन का भी विषय है क्योंकि बहुओं को अपने पति और बच्चों के सिवाय कुछ नज़र ही नही आता और वही बेटों की भी उतनी ही गलती है क्योंकि अगर घर की कमांड जब महिलाओं तक जाती है तो कन्हि न कन्हि व्यवस्थाएँ बिगड़ने के साथ ही बदलने भही लगती है ।।
ओर आपकी पूरी कथा का जो जिष्ठ है ,,,वो ये है की महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन होती है ।।
आपके भावों ओर आपकी कलम को नमन है धन्यवाद ।।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
सही फैसला लेने में देरी से पता चलता है कि हम कहीं न कहीं तो अपनी जिम्मेदारी से बचते ही हैं।बाद में हम कितने ही प्रश्न करें बहस गोष्ठी करलें समाज को जस का तस ही छोड़ देते हैं।एक नयी कहानी जो कि कर्तव्य की पृष्ठभूमि पर लिखी जाएगी,वहाँ इतनी सादगी और बिना जताए सब कुछ हो जाएगा कि प्रेरक बन पड़ेगा।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
क्या लिखूं इस रचना के बारे मे मै पूरी तरह से समझ नही पा रहा हुँ क्योंकि ऐसा कोई शब्द नही है जिससे इसकी तारीफ की जा सके ।
पर इतना जरुर कहूंगा की मुझे बहुत सुन्दर लगी यह आपकी रचना ।
और रही बात इस कहानी पर टिप्पणी की तो यही कहूंगा की औरत ही औरत की सबसे बडी दुश्मन होती है ।
एक बेटा तबतक ही बेटा रहता है जबतक उसकी शादी ना हो जाये,शादी के बाद तो वह पति बन जाता है ।
तरस आता है ऐसे लोगों पर जो अपने माता-पिता को इस तरह से ट्रिट करते है,शायद वो भुल जाते है की जो उनके बच्चे देखेंगे वही सीखेंगे ।
85% घरो मे मैने देखा है की यही हाल है ।
मै खुद अपने आप से सहमत नही हुँ क्योंकि जो लिखना चाहिये मुझे वो लिखा नही हुँ मैं ।
शब्द से बहुत बडे घाव हो जाते है,बस इतना ही सबसे गुजारिश करूंगा की माता-पिता से बढकर कोई नही इस दुनिया मे ।
उनकी सदैव इज्जत करें,क्योंकि इनके सिवा कोई नही दुसरा जो बिना मतलब के प्यार करे आपसे ।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बड़ी ही मार्मिक कथा है जिसमें वर्तमान परिदृश्य को परिभाषित किया है सच में बड़ा ही कठिन प्रश्न उठाया है आपने की कोन जिम्मेदार है माँ की मृत्यु का
आज भारत में ये एक समस्या के साथ ही चिंतन का भी विषय है क्योंकि बहुओं को अपने पति और बच्चों के सिवाय कुछ नज़र ही नही आता और वही बेटों की भी उतनी ही गलती है क्योंकि अगर घर की कमांड जब महिलाओं तक जाती है तो कन्हि न कन्हि व्यवस्थाएँ बिगड़ने के साथ ही बदलने भही लगती है ।।
ओर आपकी पूरी कथा का जो जिष्ठ है ,,,वो ये है की महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन होती है ।।
आपके भावों ओर आपकी कलम को नमन है धन्यवाद ।।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
सही फैसला लेने में देरी से पता चलता है कि हम कहीं न कहीं तो अपनी जिम्मेदारी से बचते ही हैं।बाद में हम कितने ही प्रश्न करें बहस गोष्ठी करलें समाज को जस का तस ही छोड़ देते हैं।एक नयी कहानी जो कि कर्तव्य की पृष्ठभूमि पर लिखी जाएगी,वहाँ इतनी सादगी और बिना जताए सब कुछ हो जाएगा कि प्रेरक बन पड़ेगा।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या