जब मैं एक बेटे की मां बनी तब में निहाल हुई अब जब बेटे की दाढ़ी मूंछें भी आ गयी.... तब मैं गदगद हो गयी हो भी क्यूं नहीं ... आखिर यह वह घड़ी थी जिसका इंतजार मुझे उसके पैदा से देखना शुरू किया था ...
बहुत ही बढ़िया और प्रेरणादायक अभिव्यक्ति दी है आपने, अपनी इस रचना के माध्यम से 👏👏👏👏👏👏बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने और बिल्कुल सही कहा आपने बेटी के साथ साथ अब बेटे को भी समझाना है। बेटे को भी जीवन की ऊंच नीच,सही गलत को बताना है।🌹🌹🌹🌹🌹🙏
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बहुत ही बढ़िया और प्रेरणादायक अभिव्यक्ति दी है आपने, अपनी इस रचना के माध्यम से 👏👏👏👏👏👏बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने और बिल्कुल सही कहा आपने बेटी के साथ साथ अब बेटे को भी समझाना है। बेटे को भी जीवन की ऊंच नीच,सही गलत को बताना है।🌹🌹🌹🌹🌹🙏
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