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मां की नसीहत अपने बेटे को 🤗

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जब मैं एक बेटे की मां बनी तब में निहाल हुई अब जब बेटे की दाढ़ी मूंछें भी आ गयी.... तब मैं गदगद हो गयी हो भी क्यूं नहीं ... आखिर यह वह घड़ी थी जिसका इंतजार मुझे उसके पैदा से देखना शुरू किया था ...

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लेखक के बारे में
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Mrs . Deepa Gautam ❤️

🌹🌹🌹🌹🌹🎈🎈🎈🎈

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    19 अगस्त 2022
    बहुत समझदारी व सामाजिक लेखन प्रस्तुत किया जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।
  • author
    Neetu Maurya
    19 अगस्त 2022
    बहुत ही बढ़िया और प्रेरणादायक अभिव्यक्ति दी है आपने, अपनी इस रचना के माध्यम से 👏👏👏👏👏👏बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने और बिल्कुल सही कहा आपने बेटी के साथ साथ अब बेटे को भी समझाना है। बेटे को भी जीवन की ऊंच नीच,सही गलत को बताना है।🌹🌹🌹🌹🌹🙏
  • author
    अनिरुद्ध परमार
    11 मार्च 2023
    "मां तो आखिर मां होती है।" और मां की महिमा का एकदम भावपूर्ण सजीव वर्णन कर डाला आपने कुछ पंक्तियों में ही।👌
  • author
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    19 अगस्त 2022
    बहुत समझदारी व सामाजिक लेखन प्रस्तुत किया जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।
  • author
    Neetu Maurya
    19 अगस्त 2022
    बहुत ही बढ़िया और प्रेरणादायक अभिव्यक्ति दी है आपने, अपनी इस रचना के माध्यम से 👏👏👏👏👏👏बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने और बिल्कुल सही कहा आपने बेटी के साथ साथ अब बेटे को भी समझाना है। बेटे को भी जीवन की ऊंच नीच,सही गलत को बताना है।🌹🌹🌹🌹🌹🙏
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    अनिरुद्ध परमार
    11 मार्च 2023
    "मां तो आखिर मां होती है।" और मां की महिमा का एकदम भावपूर्ण सजीव वर्णन कर डाला आपने कुछ पंक्तियों में ही।👌