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माई

4.6
28947

धर्म सम्प्रदाय की सीमाओं से परे जाते हुए हर स्त्री के भीतर बसी माँ की चिंता और ममता को उद्भासित करती कहानी..

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लेखक के बारे में

शिक्षा: एम.ए. (इतिहास) सम्प्रति: सहायक अध्यापक (बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश) ©सर्वाधिकार सुरक्षित

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Awadhesh Arya
    12 सप्टेंबर 2018
    अगर ऐसे ही नारी शक्ति हर नारी की पीड़ा और ममता समझ ले तो इस संसार में कभी भी कोई प्रताड़ित ना हो। आपकी कहानी प्रशंसनीय है, और कहानी की भाषा भी गांव की है जो हमे अपने गांव और मिट्टी से जोड़ के रखती है। शुभकामनाएं।
  • author
    10 एप्रिल 2019
    इस कहानी की बड़ी जरूरत थी। धन्यवाद इसे इसके वास्तविक रूप में लिखने के लिए। 👍
  • author
    Endless
    27 मे 2018
    सच में मां , मां ही होती है.......😊😊😊😊😊
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    Awadhesh Arya
    12 सप्टेंबर 2018
    अगर ऐसे ही नारी शक्ति हर नारी की पीड़ा और ममता समझ ले तो इस संसार में कभी भी कोई प्रताड़ित ना हो। आपकी कहानी प्रशंसनीय है, और कहानी की भाषा भी गांव की है जो हमे अपने गांव और मिट्टी से जोड़ के रखती है। शुभकामनाएं।
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    10 एप्रिल 2019
    इस कहानी की बड़ी जरूरत थी। धन्यवाद इसे इसके वास्तविक रूप में लिखने के लिए। 👍
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    Endless
    27 मे 2018
    सच में मां , मां ही होती है.......😊😊😊😊😊