मैं मर्द हूँ, संवेदनहीन हूँ, ये मेरे लिए कठिन है, फिर भी मैं तुमसे माफ़ी चाहता हूँ। इन सैकड़ो नज़रों के सामने जो तुम्हें घूरती हैं देर तलक, इन सबके सामने जो तुम्हें पाने की रखते हैं ललक, मैं तुमसे माफ़ी ...
मैं मर्द हूँ, संवेदनहीन हूँ, ये मेरे लिए कठिन है, फिर भी मैं तुमसे माफ़ी चाहता हूँ। इन सैकड़ो नज़रों के सामने जो तुम्हें घूरती हैं देर तलक, इन सबके सामने जो तुम्हें पाने की रखते हैं ललक, मैं तुमसे माफ़ी ...