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माचिस की डिब्बी

3.9
12437

मई के महीने में शीत लहर सी दौड़ गई ...अन्दर तक काँप गई वो नहीं वो नहीं हो सकता यहाँ क्या कर रहा है .... क्या कशमकश है जिसकी एक झलक देखने को सारी दोपहर खिड़की पर गुज़ार देती थी लू के थपेड़े भी ठन्डे ...

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लेखक के बारे में
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सोनल रस्तोगी
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Yogendra Singh
    15 अक्टूबर 2018
    लघुकथा के सारे तत्व मौजूद हैं। एक बेहतर कथा लिखने के लिए बधाई स्वीकार करें।
  • author
    Jyoti Bharti
    06 अगस्त 2018
    nice. story kafi had tak 80s k almost sab logo ki kahani hogi
  • author
    omprakash sharma
    29 फ़रवरी 2020
    कहानी बहुत तेज़ गति से चली है, अतः इसमें उस प्रेम का एहसास हो ही नहीं पाया। किरदार से लेखक वो सब नहीं कहवा पाया जो उसने महसूस किया था। कहानी लघुतर है, अच्छी है, लेखक को साधुवाद !!!
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    Yogendra Singh
    15 अक्टूबर 2018
    लघुकथा के सारे तत्व मौजूद हैं। एक बेहतर कथा लिखने के लिए बधाई स्वीकार करें।
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    Jyoti Bharti
    06 अगस्त 2018
    nice. story kafi had tak 80s k almost sab logo ki kahani hogi
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    omprakash sharma
    29 फ़रवरी 2020
    कहानी बहुत तेज़ गति से चली है, अतः इसमें उस प्रेम का एहसास हो ही नहीं पाया। किरदार से लेखक वो सब नहीं कहवा पाया जो उसने महसूस किया था। कहानी लघुतर है, अच्छी है, लेखक को साधुवाद !!!