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माँ की ममता - एक भावुक कहानी।

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मांँ कहां रह गई हो ?... जल्दी करो.. नहीं तो.. मेरी बस छूट जाएगी।एक छोटे से शहर में रहने वाले 'आंचल' अपनी मांँ की एकलौती संतान थी। अपने पिता की मृत्यु के बाद जब उसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय  ...

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लेखक के बारे में
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मीनू वर्मा

हिन्दी साहित्य से बेपनाह प्यार करती हूं। साहित्य के सागर की एक ऐसी बूंद बनाना चाहती हूं जो अपनी शीतलता से जन- जीवन में शांति व खुशियों का संचार कर सके। आपसब से सहयोग की अपेक्षा रखती हूं 🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    J.S PRODUCTIONS
    08 मई 2021
    वाह.... भावना प्रधान बहुत ही सार्थक और उत्कृष्ट कहानी लिखी है आपने... बिल्कुल सही कहा आपने मां तो मां ही होती है और उसकी ममता की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती... बहुत शानदार लेखनशैली है आपकी कहानी की 👌👌💐🙏
  • author
    Minesh Sinha
    08 मई 2021
    बहुत ही खूबसूरत, भावना प्रधान हृदय स्पर्शी कहानी लिखी है आपने... बिल्कुल सही कहा आपने मां तो मां होती है फिर वह मानव की हो अथवा पशु पक्षी की... बेहतरीन कहानी व लेखन शैली ✍️✍️👌👌👌
  • author
    Minu Blogs
    08 मई 2021
    वाह.... वास्तविकता से परिपूर्ण बहुत ही, हृदयस्पर्शी व सार्थक कहानी लिखी है आपने... बहुत ही शानदार और बेहतरीन 👌✍️✍️✍️🙏
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    J.S PRODUCTIONS
    08 मई 2021
    वाह.... भावना प्रधान बहुत ही सार्थक और उत्कृष्ट कहानी लिखी है आपने... बिल्कुल सही कहा आपने मां तो मां ही होती है और उसकी ममता की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती... बहुत शानदार लेखनशैली है आपकी कहानी की 👌👌💐🙏
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    Minesh Sinha
    08 मई 2021
    बहुत ही खूबसूरत, भावना प्रधान हृदय स्पर्शी कहानी लिखी है आपने... बिल्कुल सही कहा आपने मां तो मां होती है फिर वह मानव की हो अथवा पशु पक्षी की... बेहतरीन कहानी व लेखन शैली ✍️✍️👌👌👌
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    Minu Blogs
    08 मई 2021
    वाह.... वास्तविकता से परिपूर्ण बहुत ही, हृदयस्पर्शी व सार्थक कहानी लिखी है आपने... बहुत ही शानदार और बेहतरीन 👌✍️✍️✍️🙏