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माँ की जगह कोई नहीं ले सकता

4.3
136

रूपा को पता चला कि रचना की माँ चल बसी हैं यह सुनकर उसे बहुत बुरा लगा क्योंकि रूपा और रचना दोनों बचपन की सहेलियाँ थीं । दोनों के परिवार एक-दूसरे को जानते थे । इसलिए शादियाँ हो गई परंतु आज तक दोनों ...

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लेखक के बारे में
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Kameshwari Karri
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kamlesh Patni
    04 फ़रवरी 2023
    बहुत सटीक सुंदर शिक्षाप्रद कथानक। काश!आज की पीढ़ी इतना ही सोच ले माता पिता का जीवन खुशी से भर जाए।
  • author
    Mani Shubham "Katiyar"
    09 मई 2022
    👌🙏sach me maa ki jgh kbhi KOi ni le skta
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    Kamlesh Patni
    04 फ़रवरी 2023
    बहुत सटीक सुंदर शिक्षाप्रद कथानक। काश!आज की पीढ़ी इतना ही सोच ले माता पिता का जीवन खुशी से भर जाए।
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    Mani Shubham "Katiyar"
    09 मई 2022
    👌🙏sach me maa ki jgh kbhi KOi ni le skta