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माँ का व्हाट्स एप

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उस दिन सुबह उठते ही माँ मुझपर जोर से चिल्लाई ... "उठ गयीं तुम ?? जाओ -जाओ और सो जाओ जाकर ।अभी तो बस 12 ही बजे ही हैं।लोगों का एक वक़्त का काम ख़त्म होकर दोपहर की नींद का समय भी हो गया लेकिन ये ...

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लेखक के बारे में

वो लिखती हूँ जो जिया है । उनके लिए लिखती हूँ जो जीती हैं पर लिख नहीं पाती । और लिखती हूँ शायद इसलिए जी रही हूँ । उम्मीद है जब तक जिऊँ , लिखती रहूँ :)

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mamta Upadhyay
    18 मार्च 2019
    बहुत बढ़िया लगा यह स्टोरी पढ़ कर मेरी भी बेटी ही मुझे सब सिखाई हैं
  • author
    Nandini Garg
    25 जनवरी 2018
    मजेदार है कि हम अपनी माँ को मोबाइल फोन को चलाना सीखा रहे हैं
  • author
    Sarika Singh
    05 अगस्त 2017
    बहुत प्यारी कहानी जो चेहरे पर मुस्कान ले आयी
  • author
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  • author
    Mamta Upadhyay
    18 मार्च 2019
    बहुत बढ़िया लगा यह स्टोरी पढ़ कर मेरी भी बेटी ही मुझे सब सिखाई हैं
  • author
    Nandini Garg
    25 जनवरी 2018
    मजेदार है कि हम अपनी माँ को मोबाइल फोन को चलाना सीखा रहे हैं
  • author
    Sarika Singh
    05 अगस्त 2017
    बहुत प्यारी कहानी जो चेहरे पर मुस्कान ले आयी