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माँ

4.3
6908

मैंने रेड सिग्नल पर अपनी स्कूटर रोकी . ये सिग्नल सरकारी हॉस्पिटल के पास था . उस जगह हमेशा बहुत भीड़ रहती थी. मरीज , बीमार, उनके रिश्तेदार और भी हर किस्म के लोगो की भीड़ हमेशा वहां रहती थी, अब चूँकि ...

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लेखक के बारे में

Name : Vijay Kumar Sappatti Education : MBA, PG-HRD, PG-MKTG, DEGREE-Economics & English Literature, DIPLOMA in Mining Engineering Job : Marketing Consultant Publications : Two books in Hindi – one for poetry and one for stories Poetry – “ Ujale Chaand Kee Beceni “ Story- “ Ek Thi Maaya “ Many poems and stories published in various national and international magazines [ both in print & electronic medium ] Major Blogs Poems – http://frozenmomentsoflifetime.blogspot.in ,Writings - http://thewritingonwall.blogspot.in

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mukesh Verma
    25 मई 2019
    काश कोई माँ बाप को भी गोद लेता तो एसे बुजुर्गों को ठिकाना और अकेलों को साथ एवं आशीर्वाद मिलता। शायद 5-6साल बाद मुझे भी कहना पड़े की काश कोई मुझे गोद ले ले। लेखक जी को धन्यवाद
  • author
    babita
    22 अगस्त 2018
    ह्र्दय को चीर देने वाली सच्चाई है, कहानी अच्छी है |
  • author
    SARANSH DUBEY
    01 जनवरी 2020
    माँ की महिमा अपार है। माँ जैसा इस संसार मे और कोई भी नही हो सकता।
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    Mukesh Verma
    25 मई 2019
    काश कोई माँ बाप को भी गोद लेता तो एसे बुजुर्गों को ठिकाना और अकेलों को साथ एवं आशीर्वाद मिलता। शायद 5-6साल बाद मुझे भी कहना पड़े की काश कोई मुझे गोद ले ले। लेखक जी को धन्यवाद
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    babita
    22 अगस्त 2018
    ह्र्दय को चीर देने वाली सच्चाई है, कहानी अच्छी है |
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    SARANSH DUBEY
    01 जनवरी 2020
    माँ की महिमा अपार है। माँ जैसा इस संसार मे और कोई भी नही हो सकता।