बस अपने स्वभाव और चाल चलन से उसके दिल में जगह बनाने की कोशिश कीजिए, उसके ज्यादा करीब आने की कोशिश मत करना, वो अपने आप आपके पास आके खड़ी होगी, कभी परेशानी में दिखे तो उसकी मदद करने की कोशिश करें, बस ...
दोस्तों लिखने का बचपन से ही शौक था। आज प्रतिलिपि एक माध्यम बन गया। थैंक्स प्रतिलिपि। अपने विचार शब्दों में बस बयां करने की कोशिश करता हूं। बाकी आप लोगों का स्नेह ही आगे तक लेकर जायेगा।
धनयवाद सभी लेखकों/पाठकों को
सारांश
दोस्तों लिखने का बचपन से ही शौक था। आज प्रतिलिपि एक माध्यम बन गया। थैंक्स प्रतिलिपि। अपने विचार शब्दों में बस बयां करने की कोशिश करता हूं। बाकी आप लोगों का स्नेह ही आगे तक लेकर जायेगा।
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