pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

लाईव टेलीकास्ट

4.6
2938

चोरों को देख संकल्प ने टी. वी. चैनल वालों को मैसेज किया कि वो घर में अकेला है. लेकिन वो सब उसकी मदद करने के बजाय चोरी का लाईव-टेलीकास्ट दिखाने लगे. फिर क्या हुआ पढ़िए इस मज़ेदार कहानी में.

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

1000 से अधिक कहानियां और व्यंग्य प्रकाशित , ३ कहानी संग्रह, १० बाल उपन्यास, 10 बाल कहानी संग्रह, २८ चित्र कथाएं , 1 व्यंग संग्रह प्रकाशित. देश- विदेश की 52 भाषाओं में रचनाएँ अनूदित . भारत -सरकार द्वारा २ बार प्रतिष्ठित 'भारतेन्दु पुरस्कार' से सम्मानित. उ. प्र. हिंदी संसथान द्वारा अमृत लाल नागर कथा सम्मान, सूर पुरस्कार, पं.सोहन लाल द्विवेदी पुरस्कार से सम्मानित, अनेकों कहानी प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार प्राप्त. रेडियो- टी.वी. पर अनेकों रचनाएँ और वार्ताएं प्रसारित. अनेकों साहित्यिक संस्थाओं और समितियों के सदस्य. पूर्व आई.आर.पी.एस. अधिकारी, सेवानिवृत निदेशक/ आर.डी.एस.ओ.(रेल मंत्रालय) .

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sudha Jugran
    22 जनवरी 2019
    आपकी रचनाएँ विवश कर देती है यह लिखने के लिए कि आपके लेखन की जितनी तारीफ की जाए कम है । आपकी रचनाओं पर तो, खासकर बालकहानियों पर तो रिसर्च होनी चाहिए । मैं सोचती हूँ कि जितनी आपको प्रसिद्धि मिली है आप उससे कहीं ज्यादा के हकदार हैं । देश के हर बच्चे तक आपका नाम पहुंचना चाहिए । बालकहानियों में हमेशा नये और अदभुत प्रयोग करते हैं । आप सिर्फ लिखने के लिए नहीं लिखते हैं संजीव जी । बल्कि महसूस होता है कि लिखना आपकी पूजा है, आराधना है। मैं ये शब्द सिर्फ तारीफ करने के लिए नहीं लिख रही हूँ । बल्कि जो अन्दर से महसूस किया उन्हीं भावों को शब्द दे रही हूँ । पढ़ने की बेहद शौकीन हूँ इसलिए जो नजरों के सामने आता है पढ़ लेती हूँ पर भाता सब कुछ नहीं है । बस यही शुभकामनाएँ हैं आपको कि आपकी ये आराधना निर्विघ्न ताउम्र चलती रहे।
  • author
    पिंकी राजपूत
    14 अक्टूबर 2018
    एक जागरूक नागरिक और सुरक्षित समाज का चित्रण बखूबी किया है....
  • author
    वी. पी. "(सुनील)"
    14 अक्टूबर 2019
    बहुत ही मजेदार कहानी, अंत तो एकदम क्लासिकल
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sudha Jugran
    22 जनवरी 2019
    आपकी रचनाएँ विवश कर देती है यह लिखने के लिए कि आपके लेखन की जितनी तारीफ की जाए कम है । आपकी रचनाओं पर तो, खासकर बालकहानियों पर तो रिसर्च होनी चाहिए । मैं सोचती हूँ कि जितनी आपको प्रसिद्धि मिली है आप उससे कहीं ज्यादा के हकदार हैं । देश के हर बच्चे तक आपका नाम पहुंचना चाहिए । बालकहानियों में हमेशा नये और अदभुत प्रयोग करते हैं । आप सिर्फ लिखने के लिए नहीं लिखते हैं संजीव जी । बल्कि महसूस होता है कि लिखना आपकी पूजा है, आराधना है। मैं ये शब्द सिर्फ तारीफ करने के लिए नहीं लिख रही हूँ । बल्कि जो अन्दर से महसूस किया उन्हीं भावों को शब्द दे रही हूँ । पढ़ने की बेहद शौकीन हूँ इसलिए जो नजरों के सामने आता है पढ़ लेती हूँ पर भाता सब कुछ नहीं है । बस यही शुभकामनाएँ हैं आपको कि आपकी ये आराधना निर्विघ्न ताउम्र चलती रहे।
  • author
    पिंकी राजपूत
    14 अक्टूबर 2018
    एक जागरूक नागरिक और सुरक्षित समाज का चित्रण बखूबी किया है....
  • author
    वी. पी. "(सुनील)"
    14 अक्टूबर 2019
    बहुत ही मजेदार कहानी, अंत तो एकदम क्लासिकल