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खत (कविता रूपी) : मधुमास और तुम

4.6
60

मधुमास यानी बसन्त आनन्द लीजिये

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लेखक के बारे में
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लता शर्मा

तुम आए जिंदगी में, जिंदगी फूलों सी हो गई, हर पल महकी महकी सी रहूं, मैं जैसे कोई इत्र हो गई.. मिले हो तुम जबसे दिल कहे, हां, सखी तुझे भी मुहब्बत हो गई..😘 ©सखी

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Aggarwal "मीता"
    27 जून 2019
    बेहतरीन लाजवाब लता जी🌹🌹
  • author
    19 फ़रवरी 2019
    बहुत सुंदर और पढ़ने लायक
  • author
    Damini
    21 फ़रवरी 2019
    बहुत सुंदर है
  • author
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    Poonam Aggarwal "मीता"
    27 जून 2019
    बेहतरीन लाजवाब लता जी🌹🌹
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    19 फ़रवरी 2019
    बहुत सुंदर और पढ़ने लायक
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    Damini
    21 फ़रवरी 2019
    बहुत सुंदर है