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लेनिन

3.7
8523

वह सोता है, - वह विकराल नाशक! अपने दाएँ और बाएँ, आगे और पीछे सब तरफ आग सुलगा कर, और उसकी लपट से प्राचीन संस्‍थाओं के अस्थिपंजर को भस्‍मी भूत करके लेनिन प्रगाढ़ नींद में सो रहा है। रूस के किसानों, ...

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लेखक के बारे में

जन्म : 26 अक्टूबर, 1890, अतरसुइया, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) भाषा : हिंदी विधाएँ : पत्रकारिता, निबंध, कहान मुख्य कृतियाँ गणेशशंकर विद्यार्थी संचयन (संपादक - सुरेश सलिल) संपादन : कर्मयोगी, सरस्वती, अभ्युदय, प्रताप निधन 25 मार्च, 1931 कानपुर

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raakesh Chauhaan
    03 ਅਕਤੂਬਰ 2018
    पता नहीं किसने गणेश शंकर का नाम लिखकर कापी पेस्ट किया है....कम से कम कुछ तो बताया होता... केवल भूमिका लिखकर ही छोड़ दिया....
  • author
    Nitin Chetan
    28 ਅਕਤੂਬਰ 2018
    लेनिन नास्तिक था पर लेकिन भूमिका में राम और रामायण का संदर्भ दे कर लेनिन को समझने का प्रयास किया गया है जो लेनिन का अपमान है।
  • author
    Prabhash Kumar
    05 ਜੂਨ 2020
    बहुत ही बेहतरीन लेकिन इसमें कुछ और जानकारी लेनिन के बारे me साझा की होती तो और बेहतरीन लगता
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    Raakesh Chauhaan
    03 ਅਕਤੂਬਰ 2018
    पता नहीं किसने गणेश शंकर का नाम लिखकर कापी पेस्ट किया है....कम से कम कुछ तो बताया होता... केवल भूमिका लिखकर ही छोड़ दिया....
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    Nitin Chetan
    28 ਅਕਤੂਬਰ 2018
    लेनिन नास्तिक था पर लेकिन भूमिका में राम और रामायण का संदर्भ दे कर लेनिन को समझने का प्रयास किया गया है जो लेनिन का अपमान है।
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    Prabhash Kumar
    05 ਜੂਨ 2020
    बहुत ही बेहतरीन लेकिन इसमें कुछ और जानकारी लेनिन के बारे me साझा की होती तो और बेहतरीन लगता