लेखन आज लिखने की सीमाओं पर सोचता हूँ तो लेखन का दायरा बहुत सिमटता नजर आने लगता है। समाज और समाज के परिवेश की कमियों को प्रस्तुत कर समाज में सुधार लाने की कोशिश करना लेखन का दायित्व भी होता है ...
लेखन आज लिखने की सीमाओं पर सोचता हूँ तो लेखन का दायरा बहुत सिमटता नजर आने लगता है। समाज और समाज के परिवेश की कमियों को प्रस्तुत कर समाज में सुधार लाने की कोशिश करना लेखन का दायित्व भी होता है ...