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लावारिस लाश

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इस कविता का सारांश यह है की अवसरवादी लोग तब तक हम से वास्ता रखते है जब तक उनको हमसे फ़ायदा होता है. और जब हमसे फायदा होना बंद हो जाता है वो हमसे दूरी बना लेते हैं.

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लेखक के बारे में
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संदीप वर्मा

मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के बहराच जिले में जनवरी 1991 में एक किसान परिवार में हुआ| मै वर्तमान में एक आई. टी. कंपनी में कार्यरत हूं। लेखन मेरा शौक है और लेखक बनने की चाहत मन में है। उसी चाहत को जीने के लिए यहां पर हूं। आशा करता हूं मेरी रचनाएं आपको एक नया नज़रिया देंगी।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजू "लेखक"
    28 दिसम्बर 2019
    वाह सर बहुत खूब।👏👏👏 सर जी आपसे आग्रह है कि मेरी भी कुछ रचनाएं देखें और उसमें सुधार करने का अवसर दें 🙏🙏🙏
  • author
    शुभम पंथ
    04 फ़रवरी 2018
    सहमत हु आपकी बात से
  • author
    Joginder Kaur
    11 जुलाई 2022
    बेहतरीन रचना है
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    राजू "लेखक"
    28 दिसम्बर 2019
    वाह सर बहुत खूब।👏👏👏 सर जी आपसे आग्रह है कि मेरी भी कुछ रचनाएं देखें और उसमें सुधार करने का अवसर दें 🙏🙏🙏
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    शुभम पंथ
    04 फ़रवरी 2018
    सहमत हु आपकी बात से
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    Joginder Kaur
    11 जुलाई 2022
    बेहतरीन रचना है