"लौट कर बुद्धू घर को आए"...... **************************** "लौट कर बुद्धू घर को आए.!" जी हां हमारे जीवन पर बनी फिल्म का शीर्षक यही होना चाहिए. हालांकि इसमें कोई नई बात नहीं है बुद्धू हमेशा घर ही लौट ...
हमारे भाई को... बुद्धू कौन बोला..... मेरे भाई.... खुद पर ही व्यंग्य लिखते है... किसी और का मन नहीं दुखाते.....
लौट के बुद्धू... यदि घर को आते.... तो सयाने भी घर को ही आते... आपकी कलम..! आपकी सोच... कितनी गहरी और विस्तृत है.... इस बहन से पूछो... मेरे भाई सा कोई ना जी.. 👌😍💪🙏👍🕉💐
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लौट के बुद्धू... यदि घर को आते.... तो सयाने भी घर को ही आते... आपकी कलम..! आपकी सोच... कितनी गहरी और विस्तृत है.... इस बहन से पूछो... मेरे भाई सा कोई ना जी.. 👌😍💪🙏👍🕉💐
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