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"लौट के बुद्धू घर को आए"

4.6
7

"लौट कर बुद्धू घर को आए"...... **************************** "लौट कर बुद्धू घर को आए.!" जी हां हमारे जीवन पर बनी फिल्म का शीर्षक यही होना चाहिए. हालांकि इसमें कोई नई बात नहीं है बुद्धू हमेशा घर ही लौट ...

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लेखक के बारे में
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poet baba vk

घायल तन है.! और बिखरा हुआ मन है.! यह कोई हकीकत है कि सिर्फ पागलपन है.! --विचारक्रांति

समीक्षा
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  • author
    Raj Kamra
    06 अक्टूबर 2021
    हमारे भाई को... बुद्धू कौन बोला..... मेरे भाई.... खुद पर ही व्यंग्य लिखते है... किसी और का मन नहीं दुखाते..... लौट के बुद्धू... यदि घर को आते.... तो सयाने भी घर को ही आते... आपकी कलम..! आपकी सोच... कितनी गहरी और विस्तृत है.... इस बहन से पूछो... मेरे भाई सा कोई ना जी.. 👌😍💪🙏👍🕉💐
  • author
    06 अक्टूबर 2021
    👌👌👌👌😀
  • author
    Jitendra Mishra
    06 अक्टूबर 2021
    बहुत सुंदर रचना
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  • author
    Raj Kamra
    06 अक्टूबर 2021
    हमारे भाई को... बुद्धू कौन बोला..... मेरे भाई.... खुद पर ही व्यंग्य लिखते है... किसी और का मन नहीं दुखाते..... लौट के बुद्धू... यदि घर को आते.... तो सयाने भी घर को ही आते... आपकी कलम..! आपकी सोच... कितनी गहरी और विस्तृत है.... इस बहन से पूछो... मेरे भाई सा कोई ना जी.. 👌😍💪🙏👍🕉💐
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    06 अक्टूबर 2021
    👌👌👌👌😀
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    Jitendra Mishra
    06 अक्टूबर 2021
    बहुत सुंदर रचना