आज वही हुआ जिसका मुझे डर था। जिस चौराहे पर रुका वहीं उसका घर था। सोचा मास्क लगा कर निकल लूँ वहाँ से। कोई पूछेगा तो बता देंगे यहीं तक सफर था। इससे पहले कि मैं निकल पाता वहाँ से। रास्ता कोई बताये ...
सीधा हूँ सरल हूँ
तुम्हारे लिए गरल हूँ।
.....................
सावधान !!! मेरी सभी रचनाएं मौलिक हैं । मेरी इज़ाज़त के बगैर इसे नकल या कॉपी करना कानून अपराध होगा।
PGDJAM
Master in journalism and mass communication
NET
JRF
BEd
विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित
पहला प्रकाशित उपन्यास " कॉल गर्ल"।
दूसरा अप्रकाशित उपन्यास " अघोरी " ( प्रेस में )
सारांश
सीधा हूँ सरल हूँ
तुम्हारे लिए गरल हूँ।
.....................
सावधान !!! मेरी सभी रचनाएं मौलिक हैं । मेरी इज़ाज़त के बगैर इसे नकल या कॉपी करना कानून अपराध होगा।
PGDJAM
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विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित
पहला प्रकाशित उपन्यास " कॉल गर्ल"।
दूसरा अप्रकाशित उपन्यास " अघोरी " ( प्रेस में )
रिपोर्ट की समस्या
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