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लालची समोसे वाला

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राधा और हरी दोनो पति पत्नी समोसे का ठेला लगाया करते थे। लेकिन उनका एक भी समोसा नही बिकता था। बहुत दिनो तक वो कोशिश करते रहे। लेकिन एक भी समोसा नही बिका। एक दिन हरी गुस्से में था। तब उसकी पत्नी राधा ...

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लेखक के बारे में
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neha sharma

मुझे शुरू से ही लिखने का शौक है जब लिखती हु तो खुश रहती हु मैं सिर्फ अपनी खुशी के लिए लिखती हु साथ ही कुछ लोगो की सोच को देख कर मन करता है की कुछ ऐसा कर पाऊं जिससे उनकी सोच बदल सके नई सोच से शायद देश आगे बढ़ पाए लोग जिस दिन दूसरे की गलती ना देख कर खुद की गलती का एहसास करेगे सामने वाले की गलती दिखना बंद हो जायेगा ।😊

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    21 सितम्बर 2021
    वाह वाह वाह वाह वाह सुंदर लिखा आप ने ✍️👌🤗🤗🤗🤗💐💐💐💐
  • author
    Tiya Sinha
    22 सितम्बर 2021
    bahut pyari story hai👍👍👍👌👌👌👏👏👏👏👏
  • author
    YASH K
    21 सितम्बर 2021
    ji. bilkul sahi. lalach buri bala hai. 👌👌👌👌
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    21 सितम्बर 2021
    वाह वाह वाह वाह वाह सुंदर लिखा आप ने ✍️👌🤗🤗🤗🤗💐💐💐💐
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    Tiya Sinha
    22 सितम्बर 2021
    bahut pyari story hai👍👍👍👌👌👌👏👏👏👏👏
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    YASH K
    21 सितम्बर 2021
    ji. bilkul sahi. lalach buri bala hai. 👌👌👌👌